Friday, February 1, 2013

मुक्तक : 17 - खास तक़दीर


ख़ास तक़दीर  हमने  पायी है ।।
ख़ुद की मय ग़ैर है  परायी है ।।
लोग पी-पी के झूमते डोलें ,
अपने हिस्से में प्यास आयी है ।। 
-डॉ. हीरालाल प्रजापति


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मुक्तक : 948 - अदम आबाद

मत ज़रा रोको अदम आबाद जाने दो ।। हमको उनके साथ फ़ौरन शाद जाने दो ।। उनसे वादा था हमारा साथ मरने का , कम से कम जाने के उनके बाद जाने दो ...