Friday, February 8, 2013

मुक्तक : 28 - किसी के व्यक्तिगत



किसी के व्यक्तिगत जीवन में हस्तक्षेप मत करिए ॥
झकाझक साफ़ चेहरों पर यूँ श्यामल लेप मत करिए ॥
वो प्रेमी - प्रेमिका हैं हक़ है उनका मस्त बातों का ,
कभी छिपकर के टेलीफ़ोन उनका उनका टेप मत करिए ॥
-डॉ. हीरालाल प्रजापति 

2 comments:

Dr Arun said...

ha bhai, tanka jhaki mat kijiye

डॉ. हीरालाल प्रजापति said...

धन्यवाद ! Dr Arun Sikarwar जी ।

मुक्तक : 948 - अदम आबाद

मत ज़रा रोको अदम आबाद जाने दो ।। हमको उनके साथ फ़ौरन शाद जाने दो ।। उनसे वादा था हमारा साथ मरने का , कम से कम जाने के उनके बाद जाने दो ...