Saturday, February 23, 2013

मुक्तक : 68 - उसने जब माँगा


उसने जब माँगा मकाँ मैंने उसे इक घर दिया 
उसको कब तक्लीफ़ दी ख़ुद उसके घर जाकर दिया ॥
एक दिन मुझको ज़रूरत पड़ गई थी टाँग की ,
उसने भी लाकर मुझे इक ख़ूबसूरत पर दिया ॥
-डॉ. हीरालाल प्रजापति 

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मुक्तक : 948 - अदम आबाद

मत ज़रा रोको अदम आबाद जाने दो ।। हमको उनके साथ फ़ौरन शाद जाने दो ।। उनसे वादा था हमारा साथ मरने का , कम से कम जाने के उनके बाद जाने दो ...