Tuesday, February 12, 2013

मुक्तक : 44 - ज़्यादा न दूर से



ज़्यादा न  दूर से बड़े करीब से मिलें ॥

बिलकुल नहीं अमीर से गरीब से मिलें ॥

करने से मेहनतें तमाम कोशिशों से कब ,

कुछ कामयाबियाँ फ़क़त नसीब से मिलें ॥ 

-डॉ. हीरालाल प्रजापति 

2 comments:

उमेश चन्द्र सिरसवारी said...
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उमेश चन्द्र सिरसवारी said...

पंक्तियां बहुत ही सुन्दर और प्रेरणादायक है

मुक्तक : 948 - अदम आबाद

मत ज़रा रोको अदम आबाद जाने दो ।। हमको उनके साथ फ़ौरन शाद जाने दो ।। उनसे वादा था हमारा साथ मरने का , कम से कम जाने के उनके बाद जाने दो ...