Sunday, February 10, 2013

मुक्तक : 36 - कभी कभी लगता है



कभी कभी लगता है कभी भी आए न रात ॥
और कभी लगता है कभी ना होए प्रभात ॥ 
सब मन की पगलाहट माथे की है झक्क 
कभी लगे अच्छी मैयत तो कभी बरात ॥ 
-डॉ.हीरालाल प्रजापति

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मुक्तक : 948 - अदम आबाद

मत ज़रा रोको अदम आबाद जाने दो ।। हमको उनके साथ फ़ौरन शाद जाने दो ।। उनसे वादा था हमारा साथ मरने का , कम से कम जाने के उनके बाद जाने दो ...