Wednesday, February 20, 2013

मुक्तक : 61 - इक बार बसर


इक बार बसर उनके साथ रात हमने की ॥ 
सब रात जाग जाग फ़क़त बात हमने की ॥ 
क़ाबू में दिल को कैसे रखा कुछ न पूछिए ,
बस दूर दूर रहके मुलाक़ात हमने की ॥ 
-डॉ. हीरालाल प्रजापति 

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मुक्तक : 948 - अदम आबाद

मत ज़रा रोको अदम आबाद जाने दो ।। हमको उनके साथ फ़ौरन शाद जाने दो ।। उनसे वादा था हमारा साथ मरने का , कम से कम जाने के उनके बाद जाने दो ...