Saturday, February 23, 2013

मुक्तक : 69 - लोग थक जाते हैं



 लोग थक जाते हैं हम तो तेज़ रफ़्तार हो गए ॥
जबसे सच तेरी मोहब्बत में गिरफ़्तार हो गए ॥
इस क़दर ईमानदार और बावफ़ा तुझसे हुए ,
अपने से, अपनों से, दुनिया भर से ग़द्दार हो गए ॥
-डॉ. हीरालाल प्रजापति 

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मुक्तक : 948 - अदम आबाद

मत ज़रा रोको अदम आबाद जाने दो ।। हमको उनके साथ फ़ौरन शाद जाने दो ।। उनसे वादा था हमारा साथ मरने का , कम से कम जाने के उनके बाद जाने दो ...