Wednesday, February 20, 2013

मुक्तक : 62 - विवाहित हूँ


विवाहित हूँ मगर दिल से अभी तक चिर कुँवारा हूँ ।।
वलेकिन इश्क़--उल्फ़त को मैं पचपन का अठारा हूँ ।।
बुझाने से भड़क उठती है मेरी प्यास और उस पर ,
कहीं पानी नहीं मिलता गुटकते थूक हारा हूँ ।। 
-डॉ. हीरालाल प्रजापति 

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मुक्तक : 948 - अदम आबाद

मत ज़रा रोको अदम आबाद जाने दो ।। हमको उनके साथ फ़ौरन शाद जाने दो ।। उनसे वादा था हमारा साथ मरने का , कम से कम जाने के उनके बाद जाने दो ...