Tuesday, February 26, 2013

मुक्तक : 76 - दिन रात ख़्यालों


दिन रात ख़यालों में सफर ठीक नहीं है ।।
हर वक्त उदासी का जहर ठीक नहीं है ।।

कह दो उसे जो दिल में है दुनिया जहान से ,

घुट-घुट के ज़िंदगी का बसर ठीक नहीं है ।। 

-डॉ. हीरालाल प्रजापति

मुक्तक : 948 - अदम आबाद

मत ज़रा रोको अदम आबाद जाने दो ।। हमको उनके साथ फ़ौरन शाद जाने दो ।। उनसे वादा था हमारा साथ मरने का , कम से कम जाने के उनके बाद जाने दो ...