Wednesday, February 6, 2013

मुक्तक : 23 - कहाँ को गया


कहाँ को गया मुझसे मुँह मोड़कर वो ॥
कि कसके मेरा हाथ गह छोडकर वो ॥
निभाते – निभाते जो लीं थीं अचानक ,
कथित हर प्रतिज्ञा शपथ तोड़कर वो ॥
-डॉ. हीरालाल प्रजापति  

मुक्तक : 948 - अदम आबाद

मत ज़रा रोको अदम आबाद जाने दो ।। हमको उनके साथ फ़ौरन शाद जाने दो ।। उनसे वादा था हमारा साथ मरने का , कम से कम जाने के उनके बाद जाने दो ...