Monday, February 11, 2013

मुक्तक : 43 - इस तरह खुल के


इस तरह खुल के न कर मेरी तरफ़दारी तू ॥ 
हूँ गुनहगार तो कर खुल के गिरफ़्तारी तू ॥
तेरी ईमानदारियों पे ही तो क़ुर्बा हूँ ,
फ़र्ज़ की राह पे क़ुर्बान कर दे यारी तू ॥ 
-डॉ. हीरालाल प्रजापति 



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मुक्तक : 948 - अदम आबाद

मत ज़रा रोको अदम आबाद जाने दो ।। हमको उनके साथ फ़ौरन शाद जाने दो ।। उनसे वादा था हमारा साथ मरने का , कम से कम जाने के उनके बाद जाने दो ...