■ चेतावनी : इस वेबसाइट पर प्रकाशित मेरी समस्त रचनाएँ पूर्णतः मौलिक हैं एवं इन पर मेरा स्वत्वाधिकार एवं प्रतिलिप्याधिकार ℗ & © है अतः किसी भी रचना को मेरी लिखित अनुमति के बिना किसी भी माध्यम में किसी भी प्रकार से प्रकाशित करना पूर्णतः ग़ैर क़ानूनी होगा । रचनाओं के साथ संलग्न चित्र स्वरचित / google search से साभार । -डॉ. हीरालाल प्रजापति
Subscribe to:
Post Comments (Atom)
मुक्तक : 948 - अदम आबाद
मत ज़रा रोको अदम आबाद जाने दो ।। हमको उनके साथ फ़ौरन शाद जाने दो ।। उनसे वादा था हमारा साथ मरने का , कम से कम जाने के उनके बाद जाने दो ...
23 comments:
bahut sundar abhivyakti
bahut sundar muktak
धन्यवाद ! Kirti Vardhan जी !
धन्यवाद ! नील सिंह जी !
Waaaaaaah
Achchha likha hai apne.
bhut sunder rachna
umda kavitayein
meri bhi aisi hi halat hai jisko apne bayan kiya hai...
thanks to invite me here
धन्यवाद ! Sanjay Kumar Sharma जी !
धन्यवाद ! Rajeshyadav जी !
धन्यवाद ! PAnkhuri Sinha जी !
धन्यवाद ! shekhar sagar जी !
धन्यवाद !
bahut sundar.main apka fb mitra
धन्यवाद ! Muqueem Shadab जी !
मुश्किल स्थिति कि सहज अभिव्यक्ति है...
धन्यवाद ! neetu bhardwaj जी !
Na lfta Aaya nakhushi hue'
hale dil ki mushkil ka kya kahna
bahut pyari line hain.
धन्यवाद ! shishirkumar जी !
behtreen !
jivn men hisab-kitab nhi lgana chahiye .
धन्यवाद ! धीरेन्द्र अस्थाना जी !
Post a Comment