वहाँ के
धुप्प अँधेरों में , भी बिजली सा उजाला है ।।
यहाँ सूरज चमकते हैं , मगर हर सिम्त काला है ।।1।।
जो पाले हैं चनों ने वो , हिरन ,खरगोश ,घोड़े हैं ,
ये कछुए , केंचुए हैं जिनको बादामों ने पाला है ।।2।।
यहाँ हर एक औरत सिर्फ़ औरत है जनाना है ,
वहाँ दादी है ,चाची है ; कोई अम्मा है, ख़ाला है ।।3।।
वहाँ स्कूल ,कॉलिज ,अस्पताल और धर्मशाले हैं ,
यहाँ पग-पग पे मस्जिद ,चर्च, गुरुद्वारा, शिवाला है ।।4।।
वहाँ हर हाल में हर काम होता वक़्त पर पूरा ,
यहाँ सबने सभी का काम कल परसों पे टाला है ।।5।।
- डॉ. हीरालाल प्रजापति
यहाँ सूरज चमकते हैं , मगर हर सिम्त काला है ।।1।।
जो पाले हैं चनों ने वो , हिरन ,खरगोश ,घोड़े हैं ,
ये कछुए , केंचुए हैं जिनको बादामों ने पाला है ।।2।।
यहाँ हर एक औरत सिर्फ़ औरत है जनाना है ,
वहाँ दादी है ,चाची है ; कोई अम्मा है, ख़ाला है ।।3।।
वहाँ स्कूल ,कॉलिज ,अस्पताल और धर्मशाले हैं ,
यहाँ पग-पग पे मस्जिद ,चर्च, गुरुद्वारा, शिवाला है ।।4।।
वहाँ हर हाल में हर काम होता वक़्त पर पूरा ,
यहाँ सबने सभी का काम कल परसों पे टाला है ।।5।।
- डॉ. हीरालाल प्रजापति
No comments:
Post a Comment