Thursday, March 14, 2013

मुक्तक : 116 - मरने न देना


मरने न देना , पल-पल जीना हराम करना ॥
वो बलात्कारी उसका यों तमाम काम करना ॥
फाँसी पे मत चढ़ाना , बम से भी मत उड़ाना ,
उसे मारने का ख़ास-ओ-ख़ास इंतिज़ाम करना ॥
-डॉ. हीरालाल प्रजापति 

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मुक्तक : 948 - अदम आबाद

मत ज़रा रोको अदम आबाद जाने दो ।। हमको उनके साथ फ़ौरन शाद जाने दो ।। उनसे वादा था हमारा साथ मरने का , कम से कम जाने के उनके बाद जाने दो ...