Sunday, March 24, 2013

मुक्तक : 128 - यकीनन लाख झूठा


यक़ीनन लाख झूठा हो मगर सच्चा ही लगता है ।।
बड़ा हो जाये बेटा बाप को बच्चा ही लगता है ।।
किसी से भूलकर कर मत बुराई उसके बच्चे की ,
किसी का भी हो बच्चा उसको बस अच्छा ही लगता है ।।
-डॉ. हीरालाल प्रजापति 

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मुक्तक : 948 - अदम आबाद

मत ज़रा रोको अदम आबाद जाने दो ।। हमको उनके साथ फ़ौरन शाद जाने दो ।। उनसे वादा था हमारा साथ मरने का , कम से कम जाने के उनके बाद जाने दो ...