घर खुला रखना है चोरों
से बचाना भी !!
छेद गुब्बारों में करके फिर फुलाना भी !!
ये अजब तूने सुनाया हुक़्म ऐ अहमक़ ,
हकलों को गाना है बहरों
को सुनाना भी !!
-डॉ. हीरालाल प्रजापति
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मत ज़रा रोको अदम आबाद जाने दो ।। हमको उनके साथ फ़ौरन शाद जाने दो ।। उनसे वादा था हमारा साथ मरने का , कम से कम जाने के उनके बाद जाने दो ...
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