Tuesday, March 12, 2013

मुक्तक :108 - जो घिनौना है


जो घिनौना है उसे दूध धुला कैसे कहूँ ?
वो बुरा है तो भला उसको भला कैसे कहूँ ?
जो ख़ताओं पे ख़ता करता दग़ा खाता फिरे ,
ऐसे अहमक़ को गर्म दूध जला कैसे कहूँ ?
-डॉ. हीरालाल प्रजापति 

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मुक्तक : 948 - अदम आबाद

मत ज़रा रोको अदम आबाद जाने दो ।। हमको उनके साथ फ़ौरन शाद जाने दो ।। उनसे वादा था हमारा साथ मरने का , कम से कम जाने के उनके बाद जाने दो ...