दिल की दिल में न रख ज़ुबाँ
पर लाइए ॥
प्यार करते हों तो प्यार
जतलाइए ॥
दिल की दिल................................
चोरी चोरी उन्हें कब तलक
देखिए ,
हाले दिल की ख़बर ख़त में लिख
भेजिए ,
यूँ न शर्माइए , यूँ न घबराइए ॥
प्यार करते हों तो प्यार
जतलाइए ॥
प्यार ख़ुशबू है वो जो कि
छिपता नहीं ,
जाने क्या बात है उनको दिखता
नहीं ,
जाइए जाइए उनको दिखलाइए ॥
प्यार करते हों तो प्यार
जतलाइए ॥
दिल से दिल को सुना राह होती
यहाँ ,
अब जमाने मगर रह गए वो कहाँ
,
बात दिल आँख की उनको समझाइए
॥
प्यार करते हों तो प्यार
जतलाइए ॥
वक़्त ऐसा न हो बीत जाए ये
कल ,
फ़िर कभी ज़िंदगी में न आए
ये पल ,
वक़्त पर उनके दिल में उतर
जाइए ॥
प्यार करते हों तो प्यार
जतलाइए ॥
दिल की दिल................................
-डॉ. हीरालाल प्रजापति
1 comment:
धन्यवाद ! sriram जी !
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