Friday, March 29, 2013

गीत : 4 - दिल की दिल में.......................


दिल की दिल में न रख ज़ुबाँ पर लाइए ॥
प्यार करते हों तो प्यार जतलाइए ॥
दिल की दिल................................
चोरी चोरी उन्हें कब तलक देखिए ,
हाले दिल की ख़बर ख़त में लिख भेजिए ,
यूँ न शर्माइए , यूँ न घबराइए ॥
प्यार करते हों तो प्यार जतलाइए ॥
प्यार ख़ुशबू है वो जो कि छिपता नहीं ,
जाने क्या बात है उनको दिखता नहीं ,
जाइए जाइए उनको दिखलाइए ॥
प्यार करते हों तो प्यार जतलाइए ॥
दिल से दिल को सुना राह होती यहाँ ,
अब जमाने मगर रह गए वो कहाँ ,
बात दिल आँख की उनको समझाइए ॥
प्यार करते हों तो प्यार जतलाइए ॥
वक़्त ऐसा न हो बीत जाए ये कल ,
फ़िर कभी ज़िंदगी में न आए ये पल ,
वक़्त पर उनके दिल में उतर जाइए ॥
प्यार करते हों तो प्यार जतलाइए ॥
दिल की दिल................................
-डॉ. हीरालाल प्रजापति 

मुक्तक : 948 - अदम आबाद

मत ज़रा रोको अदम आबाद जाने दो ।। हमको उनके साथ फ़ौरन शाद जाने दो ।। उनसे वादा था हमारा साथ मरने का , कम से कम जाने के उनके बाद जाने दो ...