Sunday, March 24, 2013

मुक्तक - 129 - तुझको शायद लगे



तुझको शायद लगे विचित्र या तनिक गंदा ।।
मैंने सोचा है अपना इक बड़ा अलग धंधा ।।
उसको उँगली पकड़ लगाऊँगा ठिकाने पर ,
मुझसे पूछेगा आके कोई जो पता अंधा ।।
-डॉ. हीरालाल प्रजापति 

No comments:

मुक्तक : 948 - अदम आबाद

मत ज़रा रोको अदम आबाद जाने दो ।। हमको उनके साथ फ़ौरन शाद जाने दो ।। उनसे वादा था हमारा साथ मरने का , कम से कम जाने के उनके बाद जाने दो ...