उसके दर्दे दिल की मैं , दारू-दवा बनकर रहूँ ।।
गर्मियों की लू में सच , बादे सबा बनकर रहूँ ।।
यों मुझे देता है बस , तक़्लीफ़ पे तक़्लीफ़ वो ,
बस मेरा है इसलिए , उसका मज़ा बनकर रहूँ ।।
-डॉ. हीरालाल प्रजापति
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मत ज़रा रोको अदम आबाद जाने दो ।। हमको उनके साथ फ़ौरन शाद जाने दो ।। उनसे वादा था हमारा साथ मरने का , कम से कम जाने के उनके बाद जाने दो ...
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