Saturday, March 16, 2013

मुक्तक : 120 - बारह , चौदह , सोलह


बारह ,चौदह ,सोलह कितने , साल का हो लुच्चा समझो ।।
लूटे जो लड़की की अस्मत , उसको मत बच्चा समझो ।।
उसको पकड़ के सरेआम कर , दो औरत के नाक़ाबिल ,
इसको कोई पाप न बोलो , पुण्य कहो अच्छा समझो ।।
-डॉ. हीरालाल प्रजापति 

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मुक्तक : 948 - अदम आबाद

मत ज़रा रोको अदम आबाद जाने दो ।। हमको उनके साथ फ़ौरन शाद जाने दो ।। उनसे वादा था हमारा साथ मरने का , कम से कम जाने के उनके बाद जाने दो ...