Sunday, April 21, 2013

ज़िंदगी उसकी अगर..........

ज़िंदगी  
उसकी अगर रंगीन है ,
इंतिज़ारे मर्ग 
क्यों उसको रहे ?
चश्मा-ए-शाही 
जिसे कहते हैं सब,
फ़िर वो रेगिस्तान 
ख़ुद को क्यों कहे ?
-डॉ. हीरालाल प्रजापति   

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