Wednesday, April 17, 2013

मुक्तक : 99 - कुछ होते रुपये


( चित्र Google Search से साभार )
कुछ होते रुपये होता कुछ दिमाग़ मेरे पास ॥
जिसको भी बुलाता वो आता भाग मेरे पास ॥
हो जाते झपकते ही पलकें मेरे सभी काम ,
होता जो अलादीन का चिराग़ मेरे पास ॥
-डॉ. हीरालाल प्रजापति 

No comments:

मुक्तक : 948 - अदम आबाद

मत ज़रा रोको अदम आबाद जाने दो ।। हमको उनके साथ फ़ौरन शाद जाने दो ।। उनसे वादा था हमारा साथ मरने का , कम से कम जाने के उनके बाद जाने दो ...