Tuesday, April 23, 2013

मुक्तक : 177 - उत्कृष्टता पर





उत्कृष्टता पर आजकल , निकृष्ट लिखते हैं ॥ 
निकृष्ट के चारित्र्य फिर , उत्कृष्ट लिखते हैं ॥ 
जो साधु को शैतान दुष्टों को मसीहा सम ,
बिलकुल अनावश्यक को पल-पल इष्ट लिखते हैं ॥ 
-डॉ. हीरालाल प्रजापति 

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मुक्तक : 948 - अदम आबाद

मत ज़रा रोको अदम आबाद जाने दो ।। हमको उनके साथ फ़ौरन शाद जाने दो ।। उनसे वादा था हमारा साथ मरने का , कम से कम जाने के उनके बाद जाने दो ...