Thursday, April 11, 2013

मुक्तक : 149 - न लिखें मौलिक


ना लिखें मौलिक न कुछ रचनात्मक रोचक ॥
जिनको देखो बन रहे गंभीर आलोचक ॥
दूसरों को तो दिखाते फिरते आईने ,
ख़ुद की गौरिल्लाओं सी सूरत करे भौचक ॥
-डॉ. हीरालाल प्रजापति 

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मुक्तक : 948 - अदम आबाद

मत ज़रा रोको अदम आबाद जाने दो ।। हमको उनके साथ फ़ौरन शाद जाने दो ।। उनसे वादा था हमारा साथ मरने का , कम से कम जाने के उनके बाद जाने दो ...