Monday, April 22, 2013

मुक्तक : 176 - मेरी जो मोहब्बत


मेरी जो मोहब्बत का है क़िस्सा यों समझ ले ॥ 
होते ही पैदा मर गया बच्चा यों समझ ले ॥ 
करता ही रहा इश्क़ पे मैं इश्क़ मुसल्सल ,
खाता ही रहा पै ब पै धक्का यों समझ ले ॥ 
-डॉ. हीरालाल प्रजापति 

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मुक्तक : 948 - अदम आबाद

मत ज़रा रोको अदम आबाद जाने दो ।। हमको उनके साथ फ़ौरन शाद जाने दो ।। उनसे वादा था हमारा साथ मरने का , कम से कम जाने के उनके बाद जाने दो ...