Tuesday, April 9, 2013

मुक्तक : 143 - जितना हुआ है


जितना हुआ है सारा , वो ख़र्च कमा लेंगे ॥
शीराज़ा बिखरा बिखरा , हम फ़िर से जमा लेंगे ॥
पीछे नहीं हटेंगे , मेहनत से कोशिशों से ,
रूठा हुआ मुक़द्दर , इक रोज़ मना लेंगे ॥
-डॉ. हीरालाल प्रजापति 

2 comments:

Unknown said...

"तरीके" का तिलस्म भी अब क्या बता देंगे.............................????

डॉ. हीरालाल प्रजापति said...

धन्यवाद ! Pravin Vajpayee जी !

मुक्तक : 948 - अदम आबाद

मत ज़रा रोको अदम आबाद जाने दो ।। हमको उनके साथ फ़ौरन शाद जाने दो ।। उनसे वादा था हमारा साथ मरने का , कम से कम जाने के उनके बाद जाने दो ...