जिसका डर था वही आज
बात हो गई ।।
रैन पूनम की , मावस की
रात हो गई ।।1।।
दिल्लगी के लिए दिल
लगाया जिधर ,
वो ही आख़िर शरीके हयात
हो गई ।।2।।
दोस्त ने दोस्त को दे दिया जो दग़ा ,
इसमें क्या कुछ तअज्जुब की बात हो गई ?3।।
वो मेरा हाथ क्या छोड़कर
चल दिये ,
हर ख़ुशी भी मेरी उनके
साथ हो गई ।।4।।
सिर्फ़ हासिल है उनका
बदन दिल नहीं ,
जीतकर भी उन्हे मेरी
मात हो गई ।।5।।
सिर्फ़ रोने से ऐ ! रोने
वाले बता ,
किसकी दुश्वारियों
से नजात हो गई ।।6।।
लोग चलने लगे हँसते
बतियाते अब ,
मेरी मैयत भी जैसे बरात
हो गई ।।7।।
कोई बामन न अब शूद्र
कोई रहा ,
अक़्द से दोनों की एक ज़ात हो गई ।।8।।
(अक्द=शादी)
-डॉ. हीरालाल प्रजापति
1 comment:
धन्यवाद ! Sriram Roy जी !
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