Sunday, April 21, 2013

मुक्तक : 175 - मतलब इतना ही



मतलब इतना ही ज़िंदगानी का ?
सिर्फ़ इक बुलबुला वो पानी का ।।
फ़िर भी सबमें ग़ुरूर छलके है ,
दौलत-ओ-शह्रत-ओ-जवानी का !!
-डॉ. हीरालाल प्रजापति 

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मुक्तक : 948 - अदम आबाद

मत ज़रा रोको अदम आबाद जाने दो ।। हमको उनके साथ फ़ौरन शाद जाने दो ।। उनसे वादा था हमारा साथ मरने का , कम से कम जाने के उनके बाद जाने दो ...