Tuesday, April 9, 2013

मुक्तक : 142 - ज़िंदगी में यों


ज़िंदगानी में ख़ुदारा मत ख़लल करना ॥
अपने दिल से भूलकर मत बेदखल करना ॥
प्यार है हासिल तेरा तो सब हसीं लगता ,
मुझसे रिश्ता तोड़ने की मत पहल करना ॥
-डॉ. हीरालाल प्रजापति 

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मुक्तक : 948 - अदम आबाद

मत ज़रा रोको अदम आबाद जाने दो ।। हमको उनके साथ फ़ौरन शाद जाने दो ।। उनसे वादा था हमारा साथ मरने का , कम से कम जाने के उनके बाद जाने दो ...