Thursday, April 18, 2013

मुक्तक : 169 - अपना सब जोड़ना है


अपना सब जोड़ना है जो भी कुछ है टूटा सा ॥
उसको हर हाल मनाना है जो है रूठा सा ॥
अपनी ख़ातिर तो जैसा हूँ मैं ठीक हूँ सचमुच ,
मुझको बनना है किसी के लिए अनूठा सा ॥
-डॉ. हीरालाल प्रजापति 

मुक्तक : 948 - अदम आबाद

मत ज़रा रोको अदम आबाद जाने दो ।। हमको उनके साथ फ़ौरन शाद जाने दो ।। उनसे वादा था हमारा साथ मरने का , कम से कम जाने के उनके बाद जाने दो ...