निहायत भौंडी सूरत वाला सुंदरलाल लिखता है ॥
हमेशा हारने वाला सिकंदरलाल
लिखता है ॥
यहाँ की रीत है शैताँ फ़िरिश्ता ख़ुद को कहते हैं ,
भिखारी अपना असली नाम गब्बरलाल लिखता है ॥
(गब्बर =बहुमूल्य,घमंडी,धनी)
-डॉ. हीरालाल प्रजापति
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मत ज़रा रोको अदम आबाद जाने दो ।। हमको उनके साथ फ़ौरन शाद जाने दो ।। उनसे वादा था हमारा साथ मरने का , कम से कम जाने के उनके बाद जाने दो ...
2 comments:
सुन्दर
धन्यवाद ! Deepak Pareek जी !
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