Friday, May 3, 2013

मुक्तक : 192 - दुनिया की हर ख़ुशी




( चित्र Google Search से साभार )

दुनिया की हर ख़ुशी समेट ग़म को पीट-पाट ॥ 
कैसी हो ज़िंदगी को चाह दिल से चूम-चाट ॥ 
हालात सामने खड़े हों कितने भी ख़िलाफ़ ,
जीने से न डर कर दे खड़ी मौत की तू खाट ॥ 
-डॉ. हीरालाल प्रजापति 

मुक्तक : 948 - अदम आबाद

मत ज़रा रोको अदम आबाद जाने दो ।। हमको उनके साथ फ़ौरन शाद जाने दो ।। उनसे वादा था हमारा साथ मरने का , कम से कम जाने के उनके बाद जाने दो ...