Thursday, May 9, 2013

मुक्तक : 200 - निहायत भौंडी सूरत


निहायत भौंडी सूरत वाला सुंदरलाल लिखता है ॥
हमेशा हारने वाला सिकंदरलाल लिखता है ॥
यहाँ की रीत है शैताँ फ़िरिश्ता ख़ुद को कहते हैं ,
भिखारी अपना असली नाम गब्बरलाल लिखता है ॥
(गब्बर =बहुमूल्य,घमंडी,धनी)
-डॉ. हीरालाल प्रजापति 

मुक्तक : 948 - अदम आबाद

मत ज़रा रोको अदम आबाद जाने दो ।। हमको उनके साथ फ़ौरन शाद जाने दो ।। उनसे वादा था हमारा साथ मरने का , कम से कम जाने के उनके बाद जाने दो ...