Tuesday, May 21, 2013

मुक्तक : 223 - बछड़े के लिए


( चित्र Google Search से साभार )
बछड़े के लिए कुछ तो दूध छोड़ दे कट्टर ॥
कितना दुहेगा रहम भी कर गाय के थन पर ॥
बिन दाँत के बछड़े को घास अभी से परोसे ,
दम है तो अपने दुधमुँँहे के आगे रोटी धर ॥
-डॉ. हीरालाल प्रजापति 

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मुक्तक : 948 - अदम आबाद

मत ज़रा रोको अदम आबाद जाने दो ।। हमको उनके साथ फ़ौरन शाद जाने दो ।। उनसे वादा था हमारा साथ मरने का , कम से कम जाने के उनके बाद जाने दो ...