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मुक्तक : 948 - अदम आबाद
मत ज़रा रोको अदम आबाद जाने दो ।। हमको उनके साथ फ़ौरन शाद जाने दो ।। उनसे वादा था हमारा साथ मरने का , कम से कम जाने के उनके बाद जाने दो ...
6 comments:
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श्रीमान जी, आपकी दृष्टि सकारात्मक है सा.. आपका आभार सा.. आपको भी गुरु पर्व पर बहुत-बहुत शुभकामनाएं ..
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धन्यवाद ! Yash Babu जी !
baht ache
धन्यवाद ! Akash जी !
Bahut khub sir ji bahut umda drist kon...
धन्यवाद ! Kavi sachin gupta जी !
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