Sunday, May 12, 2013

मुक्तक : 207 - कंप्यूटर युग मेंं


 कम्प्यूटर युग में कौन अटठू चौसर कौड़ी खेले रे ॥
अब शॉपिंग को लोग मॉल में जाएँ, जाएँ न मेले रे ॥
कितनी तेजी से दुनिया में क्या-क्या बदल रहा यारों ,
एक वक़्त था बाइसिकल का आज कार के रेले रे ॥
-डॉ. हीरालाल प्रजापति 

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मुक्तक : 948 - अदम आबाद

मत ज़रा रोको अदम आबाद जाने दो ।। हमको उनके साथ फ़ौरन शाद जाने दो ।। उनसे वादा था हमारा साथ मरने का , कम से कम जाने के उनके बाद जाने दो ...