Monday, May 13, 2013

डर तो उन्हें नहीं है......................

डर तो उन्हें नहीं है किसी बात का लेकिन ,
न उनको इंतज़ार नखत रात का लेकिन ,
क्या सोच के बढ़े क़दम हठात रुक गए ?
आगे को जाते जाते पीछे हाथ रुक गए ॥
-डॉ. हीरालाल प्रजापति 

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मुक्तक : 948 - अदम आबाद

मत ज़रा रोको अदम आबाद जाने दो ।। हमको उनके साथ फ़ौरन शाद जाने दो ।। उनसे वादा था हमारा साथ मरने का , कम से कम जाने के उनके बाद जाने दो ...