Saturday, May 4, 2013

मुक्तक : 195 - दिल में उनके


दिल में उनके सिवा न दूसरा शुमार रहा ॥
उनके क़ाबिल न थे उन्हीं से फिर भी प्यार रहा ॥
वो न आएँँगे ख़ूब जानते थे हम ये मगर ,
एक उनका ही मरते दम तक इंतज़ार रहा ॥
-डॉ. हीरालाल प्रजापति 

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मुक्तक : 948 - अदम आबाद

मत ज़रा रोको अदम आबाद जाने दो ।। हमको उनके साथ फ़ौरन शाद जाने दो ।। उनसे वादा था हमारा साथ मरने का , कम से कम जाने के उनके बाद जाने दो ...