Thursday, May 23, 2013

मुक्तक : 228 - मेघ की रोज़


मेघ की रोज़ मरुस्थल पुकार करता है ॥
किन्तु मेघ अपना जल नदी पे वार करता है ॥
मैंने पाया है जिनके पास प्रचुर धन-दौलत ,
उनपे चित लक्ष्मी , कुबेर प्यार करता है ॥
-डॉ. हीरालाल प्रजापति 

No comments:

मुक्तक : 948 - अदम आबाद

मत ज़रा रोको अदम आबाद जाने दो ।। हमको उनके साथ फ़ौरन शाद जाने दो ।। उनसे वादा था हमारा साथ मरने का , कम से कम जाने के उनके बाद जाने दो ...