Thursday, January 31, 2013

मुक्तक : 14 - यों मुँह पे करता



यों मुँह पे करता मीठी , हर बात वो आकर ।।
पर पीठ पीछे करता , उत्पात वो आकर ।।
मिल बैठ कैसे होगा , इस मसले का हल तब ,
करता है घात पर जब , प्रतिघात वो आकर ?
-डॉ. हीरालाल प्रजापति 

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मुक्तक : 948 - अदम आबाद

मत ज़रा रोको अदम आबाद जाने दो ।। हमको उनके साथ फ़ौरन शाद जाने दो ।। उनसे वादा था हमारा साथ मरने का , कम से कम जाने के उनके बाद जाने दो ...