Tuesday, January 22, 2013

मुक्तक : 3 - न आँखें नम


न आँखें नम न चेहरा ही कभी करता उदास ।।
न बोले है किसी से अपना दर्दे दिल न यास ।।  
वो ख़ामोशी से गुट-गुट ख़ूब पीता है शराब ,
  तअज्जुब ये न हों ग़ायब कभी होशोहवास !!
-डॉ. हीरालाल प्रजापति






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मुक्तक : 948 - अदम आबाद

मत ज़रा रोको अदम आबाद जाने दो ।। हमको उनके साथ फ़ौरन शाद जाने दो ।। उनसे वादा था हमारा साथ मरने का , कम से कम जाने के उनके बाद जाने दो ...