Wednesday, January 30, 2013

मुक्तक : 13 - वस्त्रविहीनों से पूछो


वस्त्र-विहीनों से पूछो सर्दी में स्वेटर का मतलब ।।
फ़ुटपाथों पर रहने वालों से पूछो घर का मतलब ।।
जिनको इक भी जून मयस्सर भात नहीं दो कौर रहे ,
उनसे पूछो घूरे की मुट्ठी भर जूठन का मतलब ।।
-डॉ. हीरालाल प्रजापति

2 comments:

Kailash Sharma said...

बहुत सटीक प्रस्तुति...

डॉ. हीरालाल प्रजापति said...

धन्यवाद ! Kailash Sharma जी !

मुक्तक : 948 - अदम आबाद

मत ज़रा रोको अदम आबाद जाने दो ।। हमको उनके साथ फ़ौरन शाद जाने दो ।। उनसे वादा था हमारा साथ मरने का , कम से कम जाने के उनके बाद जाने दो ...