Sunday, January 27, 2013

मुक्तक : 9 - चूहे सब शेर


चूहे सब शेर -ए- बब्बर की बात करते हैं ।।
जितने हारे वो सिकंदर की बात करते हैं ।।
रब ने दे क्या दी ज़ुबाँ कान पास तो लाओ ,
अंधे रंगीनी -ए- मंज़र की बात करते हैं ।।
-डॉ. हीरालाल प्रजापति 

No comments:

मुक्तक : 948 - अदम आबाद

मत ज़रा रोको अदम आबाद जाने दो ।। हमको उनके साथ फ़ौरन शाद जाने दो ।। उनसे वादा था हमारा साथ मरने का , कम से कम जाने के उनके बाद जाने दो ...