सब तो सामान हैं
पिताजी के ।।
कितने एहसान हैं
पिताजी के ।।1।।
हमपे टी-शर्ट शानदार मगर ,
छन्ने बनियान हैं
पिताजी के ।।2।।
चाहते हैं जो वो बनूँ कैसे,
खूब अरमान हैं
पिताजी के ।।3।।
चुप्पियाँ भी हमारी सुन लेते ,
दिल में दो कान
हैं पिताजी के ।।4।।
मर्मबेधी अचूक नुस्खों में ,
मौन के बान हैं
पिताजी के ।।5।।
गाय को रोटी,चींटी को आटा ,
ऐसे कुछ दान हैं
पिताजी के ।।6।।
विष्णु , ब्रह्मा , महेश ; देव नहीं !
तीन भगवान हैं
पिताजी के ।।7।।
-डॉ.हीरालाल
प्रजापति
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