Friday, December 27, 2013

क़ाबिल ही नहीं होते...............

क़ाबिल ही नहीं होते ज़माने में कामयाब,
नालायकों ने भी छुआ है आसमान को ॥ 

अंधों के हाथ भी तो बटेरें लगें यहाँ ,

पाते हैं कितने भुस की जगह जाफ़रान को ?

-डॉ. हीरालाल प्रजापति

मुक्तक : 948 - अदम आबाद

मत ज़रा रोको अदम आबाद जाने दो ।। हमको उनके साथ फ़ौरन शाद जाने दो ।। उनसे वादा था हमारा साथ मरने का , कम से कम जाने के उनके बाद जाने दो ...