Tuesday, December 31, 2013

मुक्तक : 433 - जानवर को बहुत



  जानवर को बहुत प्यार करता जहाँ ।।
  पेड़ पौधों पे भी दुनिया देती है जाँ ।।
  दूरियाँ होशियारी से क़ायम रखे ,
  इंसाँ इंसाँ से बचता फिरे याँ वहाँ ।।
              -डॉ. हीरालाल प्रजापति


1 comment:

डॉ. हीरालाल प्रजापति said...

धन्यवाद ! मयंक जी ! आपको भी बहुत बहुत शुभकामनाएँ ।

मुक्तक : 948 - अदम आबाद

मत ज़रा रोको अदम आबाद जाने दो ।। हमको उनके साथ फ़ौरन शाद जाने दो ।। उनसे वादा था हमारा साथ मरने का , कम से कम जाने के उनके बाद जाने दो ...