Sunday, December 8, 2013

मुक्तक : 397 - कहता है कौन मेरी


कहता है कौन मेरी शिक़ायत न करो तुम ?
जी भर के पीठ पीछे ख़िलाफ़त न करो तुम ?
कल ख़ुद करोगे खुल के तरफ़दारियाँ तुम ही ,
बेशक़ ही आज मेरी वक़ालत न करो तुम ।।
-डॉ. हीरालाल प्रजापति 

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मुक्तक : 948 - अदम आबाद

मत ज़रा रोको अदम आबाद जाने दो ।। हमको उनके साथ फ़ौरन शाद जाने दो ।। उनसे वादा था हमारा साथ मरने का , कम से कम जाने के उनके बाद जाने दो ...