Wednesday, December 18, 2013

मुक्तक : 402 - यदि कोई उपवन न हो


( चित्र Google Search से साभार )
यदि कोई उपवन न हो झुरमुट हो झाड़ी हो ॥
राजसी मदिरा न हो सामान्य ताड़ी हो ॥
लक्ष्य तक पहुँचा सके जो हमको आवश्यक ,
अश्व रथ हो या वो छकड़ा बैल गाड़ी हो ॥
-डॉ. हीरालाल प्रजापति 

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मुक्तक : 948 - अदम आबाद

मत ज़रा रोको अदम आबाद जाने दो ।। हमको उनके साथ फ़ौरन शाद जाने दो ।। उनसे वादा था हमारा साथ मरने का , कम से कम जाने के उनके बाद जाने दो ...