हैरतो ताज्जुब ! गजब दोनों की क़िस्मत है ।।
वरना जादू या किरिश्मा या करामत है ।।
नोक पे काँटों की
फूला झूमे गुब्बारा ,
पत्थरी बारिश में आईना सलामत है ।।
-डॉ.
हीरालाल प्रजापति
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मत ज़रा रोको अदम आबाद जाने दो ।। हमको उनके साथ फ़ौरन शाद जाने दो ।। उनसे वादा था हमारा साथ मरने का , कम से कम जाने के उनके बाद जाने दो ...
1 comment:
बढ़ियैा मुक्तक।
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